"मुस्कान" एक खूबसूरत हिन्दी कविता
Prasanjeet Lakra "हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिन्दगी से जाना न कभी" "किसी को खुश देखने के लिये महज, उसकी एक मुस्कान काफी है" "महज मुस्कुरा देने से, बिगङी बातें भी बन जाया करती है" "हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी" "जबभी मुस्कुराता हूं मैं, एक बेहतर इंसान महसूस करता हूं मैं" "हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी" "विपत्तियां भी देख मुस्कान मेरी , मुस्कुराते - मुस्कुराते चली जाती है" "हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी" " कठिनाईयां तो कई आयी गयी, मगर मेरे चेहरे की वो भिनी मुस्कान छा गयी " "हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी" "बैचेनी का वो मंजर भी आय...