उसूल को जीने का सही तरीका जानिये
"उसूल को जीना सीखें"
नमस्कार दोस्तो,
मैं प्रसन्नजीत लकड़ा वास्तविकता से जुड़ी बेहतरीन अनुभव को लिखता हूं जिससे पाठकों को कुछ नयी सीख नयी राह मिल सके ।
उसूल क्या है?
उसूल किसी व्यक्ति के जीने का तरिका होता है याने यह उनके जीवन का चरित्र होता है जो अस्तित्व को कायम रखता है यह दो तरह की हो सकती है एक अच्छाई के प्रति तथा सच्चाई के प्रति दूसरा बुराई के प्रति तथा झुठ मिथ्या के प्रति ।
उसूल असल में हमारी जिन्दगी का चरित्र होता है जो व्यक्ति जिस चरित्र के साथ जीवन व्यापन करता है वह उसका उसूल हो जाता है उसूल को किस तरह जीना चाहिये जानने के लिये यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।
उसूल याने हमारा जीने का तरिका यह दो प्रकार से होता है एक सकारात्मक विचार के प्रति एक नकारात्मक विचार के प्रति याने मानव जिस विचार के साथ जीता है वह उसकी जिन्दगी का उसूल बन जाता है ।
उसूल को जीने का सही तरीका जानिये
उसूल को जीना अधिकतर मानव जिन्दगी नही जानती हैं केवल अपने रोजमर्रा जीवन के भाग दौङ मे ही जी रहे होते हैं लेकिन बता दूं कि ऐसे लोग अपना उसूल को जीना नही जानते बल्कि जैसा चल रहा है वैसा ही जीवन जीते रहते हैं।
वहीं जब इंसान उसूल को जीना सीख जाते हैं तब उनकी काबिलियत तथा पहचान, सोचने तथा काम करने का तरिका सबसे अलग होती है उनका जीने का अन्दाज अक्सर औरों से अलग होता है ।
उसूल याने अपने मन, वचन,कर्म से एकाग्रचित हमारी जिन्दगी का चरित्र का होना होता है जो व्यक्ति इस विचार के साथ जीते हैं वे कितने ही तकलीफ क्यों न हो उनका जीवन सूरज की तरह प्रकाशित हो जाती है ।
उसूल को जीना सीखना चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति इस विचार के साथ जीते हैं उन्हें किसी की जिंदगी से शिकायत नही होती बल्कि वे स्वयं को परिपूर्ण बनाये रखने का प्रयत्न करते हैं और यही अंदाज दुनिया को पसंद आते हैं और ऐसे ही व्यक्तियों को दुनिया देखना व सुनना पसंद करती है ।
इसीलिये मैं कहता हूँ उसूल को जीना सीखो सत्य को अपनाओ वचन बध्द बनो न प्रेमी को टूटने दो न खुद टूटो कहने का तात्पर्य अपनी जिन्दगी में किसी भी तरह की विश्वास में कमी न आने दें बल्कि भरोसे तथा प्रेम का ऐसा मिशाल पेश करें कि स्वयं इश्वर तुम्हारी जिंदगी मे आकर बस जायें ।
जो व्यक्ति उसूल को जीते हैं वे दुनिया के लिये बेहद चहेते तो होते ही हैं साथ ही वे ईश्वर के दृष्टि में सफल मनुष्य होते हैं ।
उसूल को जीने का आसान तरिका किसी का बुरा न करो किसी को चाहो तो उनका मन उदास न होने दो ऐसे ही जिंदगी की छोटी-छोटी विचारों को अपने जिन्दगी में अपनाना सीखें जिससे आप जिन्दगी की वास्तविकता को जीना सीख जाते हैं जिसे हम "उसूल" कहते हैं ।
जिन्दगी में किसी भी तरह की अविश्वास तथा पिछड़ेपन व बैचैनी से उभरने के लिये हमें फॉलो करें ।
नमस्कार दोस्तो,
मैं प्रसन्नजीत लकड़ा वास्तविकता से जुड़ी बेहतरीन अनुभव को लिखता हूं जिससे पाठकों को कुछ नयी सीख नयी राह मिल सके ।
उसूल क्या है?
उसूल किसी व्यक्ति के जीने का तरिका होता है याने यह उनके जीवन का चरित्र होता है जो अस्तित्व को कायम रखता है यह दो तरह की हो सकती है एक अच्छाई के प्रति तथा सच्चाई के प्रति दूसरा बुराई के प्रति तथा झुठ मिथ्या के प्रति ।
उसूल असल में हमारी जिन्दगी का चरित्र होता है जो व्यक्ति जिस चरित्र के साथ जीवन व्यापन करता है वह उसका उसूल हो जाता है उसूल को किस तरह जीना चाहिये जानने के लिये यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।
उसूल याने हमारा जीने का तरिका यह दो प्रकार से होता है एक सकारात्मक विचार के प्रति एक नकारात्मक विचार के प्रति याने मानव जिस विचार के साथ जीता है वह उसकी जिन्दगी का उसूल बन जाता है ।
उसूल को जीने का सही तरीका जानिये
उसूल को जीना अधिकतर मानव जिन्दगी नही जानती हैं केवल अपने रोजमर्रा जीवन के भाग दौङ मे ही जी रहे होते हैं लेकिन बता दूं कि ऐसे लोग अपना उसूल को जीना नही जानते बल्कि जैसा चल रहा है वैसा ही जीवन जीते रहते हैं।
वहीं जब इंसान उसूल को जीना सीख जाते हैं तब उनकी काबिलियत तथा पहचान, सोचने तथा काम करने का तरिका सबसे अलग होती है उनका जीने का अन्दाज अक्सर औरों से अलग होता है ।
उसूल याने अपने मन, वचन,कर्म से एकाग्रचित हमारी जिन्दगी का चरित्र का होना होता है जो व्यक्ति इस विचार के साथ जीते हैं वे कितने ही तकलीफ क्यों न हो उनका जीवन सूरज की तरह प्रकाशित हो जाती है ।
उसूल को जीना सीखना चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति इस विचार के साथ जीते हैं उन्हें किसी की जिंदगी से शिकायत नही होती बल्कि वे स्वयं को परिपूर्ण बनाये रखने का प्रयत्न करते हैं और यही अंदाज दुनिया को पसंद आते हैं और ऐसे ही व्यक्तियों को दुनिया देखना व सुनना पसंद करती है ।
इसीलिये मैं कहता हूँ उसूल को जीना सीखो सत्य को अपनाओ वचन बध्द बनो न प्रेमी को टूटने दो न खुद टूटो कहने का तात्पर्य अपनी जिन्दगी में किसी भी तरह की विश्वास में कमी न आने दें बल्कि भरोसे तथा प्रेम का ऐसा मिशाल पेश करें कि स्वयं इश्वर तुम्हारी जिंदगी मे आकर बस जायें ।
जो व्यक्ति उसूल को जीते हैं वे दुनिया के लिये बेहद चहेते तो होते ही हैं साथ ही वे ईश्वर के दृष्टि में सफल मनुष्य होते हैं ।
उसूल को जीने का आसान तरिका किसी का बुरा न करो किसी को चाहो तो उनका मन उदास न होने दो ऐसे ही जिंदगी की छोटी-छोटी विचारों को अपने जिन्दगी में अपनाना सीखें जिससे आप जिन्दगी की वास्तविकता को जीना सीख जाते हैं जिसे हम "उसूल" कहते हैं ।
जिन्दगी में किसी भी तरह की अविश्वास तथा पिछड़ेपन व बैचैनी से उभरने के लिये हमें फॉलो करें ।
Comments
Post a Comment
😊Dear readers in which topics you want to read articles please sugges every time and now follow us for best and free ideas and opportunities🌹